अभी चली जाएगी शाम यहनिकट अंधेरे के ।बुझते प्रकाश में--मोरों का बोलनामंडराना चिड़ियों कापत्तियों का हिलनासिमटना आकाश का ।साथ वही, देखो फिरअनलिखा !
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