अभी चली जाएगी शाम यह
निकट अंधेरे के ।
बुझते प्रकाश में--
मोरों का बोलना
मंडराना चिड़ियों का
पत्तियों का हिलना
सिमटना आकाश का ।
साथ वही, देखो फिर
अनलिखा !
Sunday, August 30, 2009
Saturday, August 29, 2009
Friday, August 28, 2009
Wednesday, August 26, 2009
वहीँ पास में ये भी पाया गया
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